Arattai App क्या है जिसने WhatsApp को दी सीधी चुनौती|

Arattai App by (zoho company)

आज बहुत सारे कार्यालय केवल WhatsApp पर ही चल रहे हैं। सरकार के भी कई मंत्रालय उनसे अपडेट WhatsApp पर भेजते हैं। लेकिन अमेरिका के साथ चल रही तल्खी ने हमें यह एहसास दिलाया है कि 140 करोड़ की जनता वाले देश के लिए केवल उपभोक्ता बने रहना सही नहीं है। हम सॉफ्टवेयर के मास्टर हैं, लेकिन हमारा कोई खुद का सॉफ्टवेयर नहीं है।

Arattai

यह भावना और भी तेज़ हुई जब ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीज़ा नियम कड़े कर दिए। तब भारत के अंदर एक मजबूत सोच आई कि हमें अपना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनाना चाहिए। इसका ज़िम्मा सरकार का नहीं, बल्कि देश का अपना प्लेयर उठकर करेगा।

जब नोटबंदी हुई, तब UPI ने डिजिटल जमाना बदल दिया। उसी तरह अब WhatsApp के खिलाफ भी एक वैकल्पिक ऐप की जरूरत महसूस होने लगी। 2021 में प्ले स्टोर पर एक ऐप आया था जिसका नाम था “Arattai”। शुरुआत में इसकी कोई खास पहचान नहीं बनी क्योंकि WhatsApp और Telegram पहले से ही प्रसिद्ध थे।

लेकिन भारत सरकार ने जब “Arattai App” को अपना समर्थन दिया, खासकर IT मंत्री अश्विनी वैष्णव और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा, तो इस ऐप ने तेजी से लोकप्रियता पाई। सरकार की तरफ से स्वदेशी को बढ़ावा मिला और अचानक Arattai चर्चा में आ गया।

Arattai App की खासियत है

  • डाटा कभी भी monetize नहीं करेगा, यानी आपके फोन नंबर बिकेंगे नहीं।
  • डेटा सेंटर भारत के अंदर ही होंगे, जिससे प्राइवेसी की रक्षा होगी।
  • एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन के साथ ऑडियो, वीडियो कॉल, टेक्स्ट, मीडिया, और फाइल शेयरिंग की सुविधा देता है।

Arattai App की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे टीवी पर ग्रुप मीटिंग्स के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा इसमें लाइव लोकेशन शेयर करने के अनोखे फीचर हैं, जैसे कि “Till eye reach” और सभी ग्रुप सदस्य अपनी-अपनी लोकेशन एक मैप पर शेयर कर सकते हैं, जिससे मिलना और भी आसान हो जाता है।

इस ऐप की 16 भाषाओं में उपलब्धता भी इसे सभी भारतीयों के लिए सुलभ बनाती है। Arattai ने अपनी लोकप्रियता के चलते 50 लाख डाउनलोड्स के साथ 4.8 की अच्छी रेटिंग भी पा ली है।

WhatsApp की तुलना में, जो मेटा का उत्पाद है और जिसके पास अरबों डाउनलोड्स हैं, Arattai अभी छोटी है, लेकिन तेज़ी से बढ़ रही है। WhatsApp ने लोगों के डाटा को monetize करना शुरू कर दिया, जिससे यूजर्स में अविश्वास बढ़ा। इसका फायदा Arattai को मिला क्योंकि उसने स्पष्ट किया कि वह यूजर डाटा को सुरक्षित रखेगा और कभी बेचेंगे नहीं।

Arattai की सफलता का एक बड़ा कारण सरकार का समर्थन है। जब स्वदेशी ऐप के लिए सरकार खुद आगे आती है तो उसकी विश्वसनीयता बढ़ जाती है।

हालांकि Arattai के सामने अभी कई चुनौतियाँ हैं जैसे ओटीपी डिलीवरी में परेशानी, सर्वर का भार आदि। परंतु अगर कंपनी जुटे रहे और फीचर्स में सुधार करे तो यह भविष्य में WhatsApp को भारत में कड़ी टक्कर दे सकता है।

निष्कर्ष

यह एक स्वदेशी तकनीकी क्रांति की शुरुआत है जो भारत को सॉफ्टवेयर दुनिया में एक अलग मुकाम दिला सकती है।

दोस्तों,आप अपने स्वदेशी ऐप को ज्यादा उपयोग में लाएं और विदेशी ऐप को बायकॉट करें और हम उम्मीद करते है कि आप जल्द ही whatsapp के जगह Arattai को use करेंगे, धन्यवाद!

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