GST क्या है, GST( Goods and Service Tax) | इस वेबसाइट के ऊपर हमारा प्रयास ये रहता है कि हम जिस टॉपिक पर बात करते हैं उस टॉपिक की पूरी समझ आपको होनी चाहिए |

आज जब आप इस पोस्ट को पढ़ना शुरू करेंगे तो आपके मन में बहुत सारे सवाल आ रहे होंगे कि GST क्या है, GST के प्रकार,रजिस्ट्रेशन प्रोसेस |GST Return| क्यों जरूरी GST, GST कब लेना पड़ेगा, GST Rate क्या होता है, GST के फायदे और नुकसान क्या है| ये सारे के सारे चीजें आपको इस पोस्ट में पढ़ने को मिलेगा|
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GST क्यों आया ?
GST आने से पहले क्या था हमारे हमारे देश में अलग अलग कई प्रकार के Tax था जैसे custom duty, excise duty, service tax,sale tax इस प्रकार 17 प्रकार का tax था जिससे लोगों में बहुत ज्यादा कंफ्यूज रहता था इसलिए सभी indirect tax को एक साथ मिलाकर GST लाया गया जिससे Tax आसान हो गई|
****** प्रत्यक्ष कर (Direct Tax) में कोई बदलाव नहीं है
GST क्या है?
GST (Goods and Service Tax) या गुड्स एंड सेवा कर, GST यह एक अप्रत्यक्ष कर है माल की ख़रीद बिक्री पर लगता हैं | यह कर कई प्रकार के कर जो रिप्लेस कर देता है जैसे VAT, excise duty, custom duty,service tax,sale ये भारत की एकीकृत कर व्यस्था है|
GST किसको देना पड़ता हैं?
- GST उस सभी व्यक्ति को देना पड़ता है जिसका वार्षिक लेन- देन 20 लाख रुपए का है
- *** विशेष राज्यों जैसे पहाड़ी इलाकों में 10 लाख के टर्नओवर पर ही GST देना पड़ता हैं
- Inter State:- अगर आप एक राज्य से दूसरे राज्य में 1 रुपए का भी खरीदते है तो आपको GST लगता हैं
- Online:- अगर आप ऑनलाइन 10 रुपए का भी माल खरीदते है तो वहां भी आपको GST लगता है (किसी भी तरह का ए
GST के प्रकार
GST के अलग अलग चार प्रकार हैं जैसे
- SGST ( State Goods and Service Tax)
- CGST (Central Goods and Service Tax)
- IGST Integrated Goods and Service Tax)
- UGST (Union Goods and Service Tax)
- 1. राज्य गुड्स एंड सेवा कर(SGST):- राज्य सरकार एक राज्य से दूसरे राज्य में होने वाले सभी प्रकार के ट्रांजैक्शन पर SGST लेती हैं|
- 2. सेंट्रल गुड्स एंड सेवा कर (CGST):- केंद्र सरकार एक ही राज्य के अंदर होने वाले ट्रांजैक्शन पर CGST लेती हैं जो केंद्र सरकार के पास जाता है|
- 3. इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सेवा कर (IGST):- इस प्रकार की टैक्स इंटर स्टेट ट्रांजैक्शन और आयात निर्यात पर लगाया जाता हैं| इसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों बिल के अनुसार शेयर करते हैं|
- यूनियन टेरेटरीज गुड्स एंड सेवा कर (UGST):- यह कर भारत के केंद्र शासित राज्यों में लगाया जाता हैं और भारत के केंद्र शासित राज्यों में होने वाले सभी प्रकार के ट्रांजैक्शन पर वसूली की जा
ट्रांजैक्शन | कर (Tax) |
किसी विशेष राज्य के भीतर होने वाले ट्रांजैक्शन | CGST+SGST |
एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच होने वाले ट्रांजैक्शन | IGST |
GST रजिस्ट्रेशन प्रोसेस
GST रजिस्ट्रेशन करने से पहले आपको बिज़नस और सेवाएं का जन लेना बहुत जरूरी हो जाता हैं इस लिए GST रजिस्ट्रेशन पहले हम जानेंगे कि बिजनेस क्या होता है और कितने प्रकार का होता है
बिजनेस(Bussiness)
जब माल की ख़रीद और बिक्री की जाती है उसे ट्रेंडिंग कहा जाता है और इसी प्रक्रिया को हम बिज़नेस कहते है जिसका स्पष्ट मकसद मुनाफा कमाना होता हैं
बिजनेस के प्रकार
- Trader’s:- माल खरीद कर बेचने वाला
- Service provider :- सेवा देकर पैसे लेने वाले
- manufacturer :- माल बनाने वाले
GST रजिस्ट्रेशन किसके लिए जरूरी है
व्यवसाय | turnover | कम | ज़्यादा |
Trader’s | 40 लाख | ❌ | ✅ |
Service provider | 20 लाख | ❌ | ✅ |
Manufacturer | 20 लाख | ❌ | ✅ |
GST रजिस्ट्रेशन के प्रकार
GST के अंतर्गत किसी भी फर्म को दो प्रकार से रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं
- कंपोजिशन फर्म
- रेगुलर फर्म
GST रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
GST system के अनुसार उत्पाद कर, सेवा कर के रूप में सरकार को कर देने के लिए
GSTIN क्या है?
GSTIN(GST Identification number) GST के लिए जब आप apply कर देते हैं और सरकार द्वारा GST Approval कर देने के बात आपको फर्म के लिए सरकार से एक विशिष्ट नंबर दिए जाते हैं जिसको GSTIN कहे जाते हैं|

Input GST :- माल की खरीदारी पर जब Tax लगता है उसे Input Tax या Input GST कहते हैं|
Output GST :- माल की बिक्री करने पर जो Tax लगता है उसे Output Tax या Output GST कहते हैं|