नमस्कार दोस्तों, मैं पिंटू कुमार पासवान आज की बात एक नए सौगात के साथ
आज हम बात करेंगे एशिया कप 2025 के फाइनल की, जहाँ भारत ने पाकिस्तान को हराकर एक ऐतिहासिक मिसाल कायम की है। लेकिन इस बार जश्न जीत का नहीं, देश के आत्मसम्मान और संस्कार का है।

भारत ने Trophy चोर (पाकिस्तान) को अच्छी तरह से मात दी, लेकिन ट्रॉफी लेने से इंकार कर दिया। सोशल मीडिया पर भारत ने पाकिस्तान को Trophy चोर बता दिया। यह वह कदम था, जिससे दुनिया को बता दिया गया कि कुछ चीजें हार-जीत और ट्रॉफी से भी बढ़कर होती हैं — देश का सम्मान और गर्व।
ट्रॉफी ना लेना केवल एक विरोध नहीं था, बल्कि उस विचारधारा को ठुकराना था जो नफरत और आतंक पर टिकी है। भारत ने खुले मंच पर पाकिस्तान को उसकी औकात बता दी। क्रिकेट इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ, जब विजेता टीम ने ट्रॉफी लेने से इंकार किया हो।
भारतीय खिलाड़ियों ने बिना ट्रॉफी के जश्न मनाया। कोई सेल्फी, कोई एआई की फोटो तो कोई सिर्फ मुस्कुराहट — ये सब पाकिस्तान के चेहरे पर तमाचा था। सूर्यकुमार यादव, शुभमन गिल, अभिषेक शर्मा, हार्दिक पांड्या — सबने अलग अंदाज़ में जश्न मनाया।
इस घटना के बाद पीसीबी प्रेसिडेंट 20 मिनट तक ट्रॉफी लेकर खड़े रहे, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने लेने से मना कर दिया।
पाकिस्तान का ये अपमान पूरी दुनिया ने देखा। भारत ने दिखा दिया कि ये सिर्फ क्रिकेट मैच नहीं, आत्मसम्मान और देश की आन-बान-शान की लड़ाई थी।
भारतीय क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान के साथ रिश्ता तोड़ दिया और एक बड़ा संदेश दिया कि अब हिंदुस्तान पाकिस्तान को हर मंच पर एक्सपोज करेगा।
बीसीसीआई ने भी 21 करोड़ रुपये का इनाम देकर देश के ऑपरेशन सिंदूर की याद दिलाई, जहां हमने पाकिस्तान को 21 जगह ठोका था।मैच के कई मोमेंट्स खास थे: बुमराह का मूवमेंट, तिलक वर्मा की शानदार पारी, और ट्रॉफी ना लेने का निर्णय। यह जीत सिर्फ क्रिकेट नहीं, एक विचारधारा पर भारत की जीत थी।
मैच के कई मोमेंट्स खास थे: बुमराह का मूवमेंट, तिलक वर्मा की शानदार पारी, और ट्रॉफी ना लेने का निर्णय। यह जीत सिर्फ क्रिकेट नहीं, एक विचारधारा पर भारत की जीत थी।
पाकिस्तान ने वर्षों से क्रिकेट को अपनी राजनीति में इस्तेमाल किया, लेकिन इस बार भारत ने उसे उसकी ही चाल में मात दी।
भारतीय खिलाड़ियों ने पूरी टीम के साथ मिलकर देश की अस्मिता और गर्व को सर्वोपरि रखा और दुनिया को दिखा दिया कि भारतीय शेर जब मैदान में उतरते हैं तो सम्मान और संस्कार के लिए लड़ते हैं।
आज हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी गर्व महसूस कर रहा है। भारतीय टीम की इस जीत को आने वाली नस्लें भी याद रखेंगी। भारत ने ना सिर्फ मैच जीता, बल्कि उस मुल्क की विचारधारा को भी परास्त किया जो खेल को साजिशों का हिस्सा समझता है।
हारिस रऊफ का मजाक, मोहसिन नकवी का अपमान, और ट्रॉफी चोर पाकिस्तान — ये सब आज सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। और यही है असली जश्न! भारतीय क्रिकेटरों को सलाम, जिन्होंने मैदान में तो जीत पाई ही, पर असली जीत देश के सम्मान की थी।
प्यारे साथियों आज 140 करोड़ हिंदुस्तानियों का सीना आज गर्व से चौड़ा है। धन्यवाद भारतीय क्रिकेट टीम, थैंक यू तिलक वर्मा, और पूरे देश के लिए जय हिंद!