Stock market या share market क्या है?

Stock market या share market क्या है? News में आपने भी कई बार सुना होगा – ‘शेयर मार्केट आज क्रैश हो गया’, ‘सेंसेक्स 900 points गिर गया’, या ‘XYZ कंपनी का IPO सब्सक्रिप्शन ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिया है ।’ ऐसे में दिमाग में हमेशा एक सवाल आता है – ये शेयर मार्केट आखिर है क्या, और लोग यहां से पैसा कैसे कमाते हैं?

तो साथियों हम आपका सहयोगी पिंटू कुमार जो आज आप सभी के साथ stock market से जुड़ी प्रश्नों का उत्तर जानने का प्रयास करेंगे|

share market क्या है ये समझने से पहले आप समझे कि share market शेयर मार्केट की ज़रूरत क्यों पड़ती है? इसके बाद आप खुद पर खुद समझ जाएंगे कि share market kya हैं और इससे पैसे कैसे कमाया जा सकता है तो चलिए समझते है |

शेयर मार्केट की ज़रूरत क्यों पड़ती है?

मान लीजिए कि आप एक मिठाई की दुकान चलाते हैं और आपकी मिठाई पूरे शहर में फेमस है और आप दूसरी सिटी में नई ब्रांच खोलना चाहते हैं, लेकिन समस्या ये है कि बिज़नेस को बड़ा करने के लिए जितने पैसों की ज़रूरत है, उतने पैसे आपके पास नहीं हैं तो आप क्या करेंगे? आपके पास ये विकल्प हो सकता है

आप बैंक से लोन लेंगे और आप उस लोन पर ब्याज देंगे बैंक को या आप लोगों को अपने बिज़नेस के लिए पार्टनर बनाके उससे पैसे लेके आप उसको बिज़नेस के प्रॉफिट देंगे|

यही कॉन्सेप्ट बड़ी कंपनियों पर अप्लाई होता है।जब कंपनी को बड़े लेवल पर पैसा चाहिए होता है, तो वह आम लोगों से पैसा उठाने के लिए अपने बिज़नेस के छोटे-छोटे हिस्से बेचती है इन्हीं हिस्सों को “शेयर” कहा जाता है।

शेयर क्या होता है? (Stock market)

किसी कंपनी की ओनरशिप की सबसे छोटी यूनिट को शेयर कहा जाता है।

किसी कंपनी की टोटल वैल्यू 100 करोड़ रुपये है और उसे 1 करोड़ बराबर हिस्सों में बांट दिया जाए तो हर हिस्सा एक शेयर कहलाएगा और हर शेयर उस कंपनी में 1/1,00,00,000 हिस्सेदारी को रिप्रेजेंट करता है।

अगर आप 1% का ओनर बनना चाहते हैं, तो आपको 1 लाख शेयर रखने होंगे उस कंपनी का तब जाके आप उस कंपनी का 1% का हिस्सेदार होंगे

अगर आप ज़्यादा शेयर लेते है तो आप उसी हिसाब से उस कंपनी का ऑनर होंगे

शेयर की कीमत ऊपर–नीचे क्यों होती है?

शेयर की कीमत किसी एक चीज़ से तय नहीं होती है share की कई फैक्टर्स मिलकर उसे ऊपर या नीचे ले जाते हैं| सबसे अहम चीज़ होती है उस कंपनी की डिमांड और सप्लाई का।

  1. जब किसी कंपनी की शेयर को खरीदने वालों की संख्या बढ़ जाती है मतलब उस कंपनी की डिमांड हुआ तो उसकी कीमत बढ़ने लगती है
  2. जब बेचने वाले ज़्यादा और खरीदने वाले कम होते हैं (डिमांड लो), तो कीमत गिरने लगती है

शेयर प्राइस को प्रभावित करने वाले चीजें जो share को ज़्यादा प्रभावित करती है| महंगाई, GDP, युद्ध, सरकारी नीतियां, पॉलिसी बदलाव आदि

आसान भाषा में: जो भी घटना कंपनी के प्रॉफिट को बढ़ाने की संभावना रखती है, वह शेयर प्राइस को ऊपर धकेलती है; और जो कंपनी के प्रॉफिट को नुकसान पहुँचाए, वह शेयर प्राइस को नीचे खींच सकती है।

प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट

शेयर मार्केट को समझने के लिए इसे दो हिस्सों में बांटना आसान रहता है

  1. प्राइमरी मार्केट
  2. सेकेंडरी मार्केट

#1.प्राइमरी मार्केट

जब कोई कंपनी पहली बार पब्लिक से पैसा उठाने के लिए शेयर बेचती है, तो उसे IPO – Initial Public Offering कहते हैं।

IPO कंपनी का वही स्टेज होता है जब कंपनी सीधे लोगों से पैसा लेती है और बदले में उन्हें अपने शेयर देती है।यही पूरा प्रोसेस प्राइमरी मार्केट कहलाता है।

#2.सेकेंडरी मार्केट

जब IPO के बाद वही शेयर आगे लोगों के बीच खरीदे–बेचे जाते हैं, तो यह सेकेंडरी मार्केट होता है।

सेकेंडरी मार्केट में पैसा कंपनी तक नहीं जाता, बल्कि एक investor से दूसरे investor तक जाता है।

उदाहरण,

आप किसी वेबसाइट से कोई सामान खरीदे है कुछ भी हो सकता है जैसे कि कोई मोबाइल तो ये प्राइमरी मार्केट कहलाता है और कुछ दिन बाद उपयोग करने के बाद किसी दूसरे व्यक्ति से olx पर बेच दिए तो उसे सेकेंडरी मार्केट कहलाता है |

Stock market में Stock Exchange क्या करता है?

किसी ने शेयर खरीदने का ऑर्डर डाला, किसी ने बेचने का; स्टॉक एक्सचेंज का सिस्टम उनकी quantity और price को match कराके deal करवा देता है।

भारत के मुख्य Stock Exchanges

  1. BSE(National Stock Exchange)
  2. NSE(Bombay Stock Exchange)

यह यही वो प्लेटफ़ॉर्म हैं, जहाँ कंपनियों के शेयर लिस्ट होते हैं और वहीं पर trading होती है।आप अपने broker के ज़रिए इन्हीं एक्सचेंज पर ऑर्डर place करते हैं।

इंडेक्स (Nifty 50, Sensex) क्या होते हैं ?

  • Nifty 50, NSE पर लिस्टेड कंपनियों में से चुनी गई टॉप 50 कंपनियों का इंडेक्स/ग्रुप है
  • Sensex, BSE की टॉप 30 कंपनियों का इंडेक्स है

Stock market में कौन कमाता है?

शेयर मार्केट में दो तरह के लोग होते हैं

Investor :- जो लंबे समय के लिए fundamentally अच्छी कंपनियों के शेयर खरीदकर सालों तक होल्ड करता है वह investor होते है|
Trader :- जो शॉर्ट टर्म price movements पर खरीद–बेच कर मुनाफा कमाने की कोशिश करता है trader होते है

long term investing ज़्यादा सुरक्षित और समझदारी भरा रास्ता माना जाता है, बशर्ते कंपनी की fundamental strong हो, business समझ आता हो, और patience हो।

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