
Quantum Computing दुनिया आने वाले वक्त में क्वांटम कंप्यूटिंग दुनिया को और हमारी जिंदगी को प्रभावी तरीके से बदल सकती है
टेक्नोलॉजी की दुनिया तेजी से विस्तार हो रहा है इंसानों की जगह अब मशीन लेने लगी है एक समय ऐसा भी आया था जब कंप्यूटर विकास में तकनीकी के क्षेत्र में लाभ किया था
इस नई तकनीक के महत्व को आइए समझते है
- भारत सरकार ने इस तकनीक के विकास के लिए बजट में 8000 करोड रुपए का प्रावधान किया भारत के अलावा दूसरे मुल्क भी भविष्य को नई दिशा देने वाली इस तकनीक में निवेश कर रही है
- 2018 में नेशनल क्वांटम इनीशिएटिव कानून बनाया और इसके लिए एक अरब 20 करोड डॉलर का प्रावधान किया क्वांटम कम्युनिकेशन के लिए राष्ट्रीय रणनीति बनाई
- 2016 में कनाडा ने इस तकनीक में 5 करोड़ कनाडा डॉलर के निवेश की घोषणा की
- फ्रांस दक्षिण कोरिया रूस जापान और गूगल अमेजॉन माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां भी इस तकनीक में निवेश कर रही है
ऐसी मशीन जो क्वांटम फिजिक्स के आधारों और नियमों का इस्तेमाल करें और कंपटीशन कर सकता है जिससे कि आज के जमाने की कंप्यूटर में स्टेशन परफॉर्म करता है
क्वांटम कंप्यूटर बहुत ही कठिन कामों को चंद मिनट में सफलतापूर्वक कर सकता है जिससे कि आज के जमाने के कंप्यूटर में क्वांटम कंप्यूटर भविष्य का कंप्यूटर है
हम पड़ताल कर रहे हैं कि क्वांटम कंप्यूटर क्या है और इसे बनाने के लिए मुल्कों के विज्ञान रेस क्यों लगी है|
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Quantum Computing क्या है?

Google Quantum AI ,Microsoft Quantum Innovator Series
क्वांटम सिद्धांत के सिद्धांतों पर आधारित कंप्यूटर जो बहुत ही छोटे छोटे कणों जैसे फोटोन से बनी होती है उसी को ही क्वांटम कंप्यूटिंग कहते है
क्वांटम कंप्यूटिंग समझे उसे पहले शुरुआत करते हैं कि क्वांटम है क्या इसकी चर्चा अल्बर्ट आइंस्टीन ने दुनिया को theory of relativity से दे दी थी
क्वांटम क्या है?
भौतिक विज्ञान में भौतिक गुणों की सबसे छोटी इकाई होती है
- अब तक फिजिक्स थिअरी पर आधारित था जो वास्तविकता में हो रही घटनाओं की व्याख्या से जुड़ा था
- इसके अनुसार ब्रह्मांड में चीजों का होना और उनका बदलना सब कुछ निश्चित है
- इस अनिश्चित के बारे में वैज्ञानिक नील बोर्ड ने कहा था कि हर वह चीज जिसे हम रियल मानते हैं वह ऐसी चीजों से बनी है जिन्हें रियल नहीं कहा जा सकता
- शायद यही वजह रही होगी कि आइंस्टीन ने इसके बारे में तो विज्ञान के तौर पर यह फिजिक्स का अंत कर देगा इसके चांसेस बराबर यानी प्रोबेबिलिटी 50-50 पीसी होती है
- फिजिक्स कहता है कि सिक्का घूमते वक्त किसी एक वक्त में या तो वह हेड होता है
quantum computing की अवधारणा है जो उन्हें क्रांतिकारी बनाते हैं
क्वांटम कंप्यूटर इतना खास क्यों?
quantum computing, classical computing से कैसे बेहतर है
क्वांटम कंप्यूटर | क्लासिकल कंप्यूटर |
classical computing इनफार्मेशन को जीरो या वन में प्रक्रिया करता है | इसमें 0 या 1 के अलावा दोनों एक साथ भी हो सकते हैं जिसे सुपरपोजिशन कहते है |
बिट के बारे में सुना हो वह ईकाई जिसमें आम कंप्यूटर जानकारी जमा करते हैं | क्वांटम कंप्यूटर अपनी जानकारी बिट में नहीं बल्कि क्यूबिट मे होती है |
0 और 1 के सेट में यह किसी भी text , photo , number या वीडियो को स्टोर करते हैं | क्वांटम कंप्यूटर पर हम क्वांटम क्यूबिट में आपका भेजा वीडियो देख सकती हूं |
इसकी सबसे छोटी इकाई बिट्स होते है | इसकी सबसे छोटी इकाई क्यूबिट होते है |
- quantum computing, मेडिसिन के क्षेत्र में क्या योगदान कर सकते हैं क्या यह नई दवा बनाने में मदद कर सकते हैं
- quantum computing, में यह कुछ घंटे में हो जाएगा जबकि आम कंप्यूटर को इसमें एक जन्म से भी अधिक वक्त लगेगा नई क्रांति ला सकते हैं
इनमें से एक है सुपरकंडक्टिंग सर्किट किसका इस्तेमाल Microsoft , IBM और google क्वांटम कंप्यूटर बनाने के लिए कर रहे हैं
इलेक्ट्रॉनिक सर्किट है जिसका इस्तेमाल करने के लिए आपको इस 250 डिग्री सेल्सियस से भी काम तापमान पर ठंडा करना पड़ता है
इस की गुंजाइश के बिना क्यूबिट बना पाना इस बात पर निर्भर करता है कि फ्रिज कितने बड़े माइक्रोचिप को ठंडा कर पता है
Quantum Computing काम कैसे करता है?
सुपरपोजिशन और क्वांटम एंटेंगलमेंट तुम सुपरपोजिशन अचीव करने के लिए हमें क्यूबिट को एक बहुत ही कन्फाइंड एनवायरमेंट में रखना पड़ता है
लाइट का एक फोटोन या हल्की सी मैग्नेटिक फील्ड भी इस क्यूबिट्स पर पड़ गई तो उसकी सुपर पोजीशन खराब हो जाती है
जब हम क्यूबिट्स को एक आइसोलेटेड एनवायरमेंट में रखते हैं तब क्यूबिट अपनी सुपरपोजिशन स्टेट पर चला जाता है
जीरो पर भी हो सकता है या वन पर भी हो सकता है मतलब की इस प्रोबेबिलिटी होती है लेकिन जब हमें इस क्यूबिट्स को ऑब्जर्व करके यह पता लगाना होता है कि वह किस स्टेट पर है तो हमें एक एक्सटर्नल फील्ड या लाइट इस क्यूबिट्स पर डालनी पड़ती है
जिससे इस क्यूबिट्स की सुपरपोजिशन स्टेट कॉलेप्स हो जाती है और क्यूबिट्स अगर एक क्यूबिट न्यूक्लियस से बना है और उसके लेफ्ट स्पिन जीरो है और राइट्स पेन अगर बंद है तो आइसोलेटेड और वायर अचीव करने के बाद वह लेफ्ट भी स्पिन कर सकता है

Quantum Computing की रेस्क्यू
कंप्यूटर कंप्यूटर बनाने को लेकर मुल्कों में होड़ है और यह निजी डेटा कंपनियों का सेवा का और सरकारों का डाटा सुरक्षित रखने की डाटा ताकत है और अब मुल्कों को इस बात का एहसास होने लगा है कि इस मामले में वह जोखिम में हो सकते हैं
2013 में अमेरिकी इंटेलिजेंस ठेकेदार एडवर्ड स्नोडेनली सरकार से जुड़े कई खुफिया दस्तावेजों को लिख कर दिया अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी किस हद तक दूसरों के कम्युनिकेशन नेटवर्क मशीन कर सकती है
अमेरिकी पहले क्वांटम कंप्यूटर बना लेंगे ऐसा हुआ तो अमेरिका चीन की खुफिया जानकारी पढ़ सकेगा
क्वांटम कंप्यूटर के फायदा एवं नुकसान
- क्वांटम कंप्यूटर से जरूर फायदा होगा लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं क्वांटम कंप्यूटर को लेकर साइबर सुरक्षा के जानकारों ने कुछ आशंकाएं जताई है
- कुछ को लगता है कि क्वांटम कंप्यूटर आज तक की सबसे आधुनिक क्रिप्टोग्राफी को भी तोड़ सकते हैं
- क्रिप्टोग्राफी:-जानकारी को छिपाने या कोड करने की प्रक्रिया है.
- मशीन वगैरह में जितना भी इंक्रिप्शन इस्तेमाल होता है वह सब बेकार हो जाएगा वैसे अभी तो यह डर ही बनीं है
- वह ऐसा कुछ करने लायक नहीं है प्रोटोटाइप के रूप में बनाया गया है
- इस पर नए सॉफ्टवेयर और एल्गोरिथम को टेस्ट किया जाता है लेकिन सर्च इंस्टीट्यूट दुनिया में लगे किसी भी ताले को तोड़ यानी एन्क्रिप्ट कर सकेगा मतलब कोई भी पासवर्ड आपके किसी भी खाते को बचा नहीं पाएगा
- अपराधियों के हाथ लगने पर उसका इस्तेमाल करके लोगों से लेकर सरकारों तक की संवेदन की जानकारी को सेकंड में हैक कर सकते हैं हैकिंग हो गई तो आप समझ ही सकते हैं की पावर प्लांट से लेकर बिजली की सप्लाई हो या टेलीफोन का कनेक्शन या कुछ भी बड़ा और खतरनाक सब संभव होगा हकीकत से थोड़ा डर लगता है क्योंकि क्वांटम कंप्यूटर इतनी जल्दी इतनी आम नहीं होने जा रहे हैं
वीडियो के माध्यम से भी इसे आप समझ सकते है
आखरी शब्द
साथियों ये जो क्वांटम कंप्यूटिंग है ये हमारे भविष्य की कंप्यूटर है , ये हमारे अड़ने वाले पीढ़ियों के लिए बहुत ही कारगर साबित होने वाले है इसके आ जाने है मेडिकल क्षेत्रों में बहुत बड़ा योगदान देने वाले है| धन्यवाद