निकोला टेस्ला | जीवनी, तथ्य और आविष्कार | 369 फॉर्मूला पर आधारित है, जिसमें निकोला टेस्ला की प्रेरक और रोमांचक जीवन-कथा विज्ञान व ऐतिहासिक संदर्भ में प्रस्तुत की गई है।
दोस्तों, अगर मैं आपसे कहूं कि आज आपके घर में जो बिजली जल रही है, वह एक ऐसे इंसान की वजह से है, जो होटल का किराया तक नहीं चुका पाता था, कबूतरों से बातें करता था, जो अकेला मर गया, लेकिन जिसकी वजह से आज की आधुनिक दुनिया अस्तित्व में है – तो क्या आप यकीन करेंगे?
यह कहानी है निकोला टेस्ला की।
निकोला टेस्ला के बचपन का जादू
10 जुलाई 1856, क्रोएशिया के एक छोटे से गाँव में जब बिजली का तूफान चरम पर था, टेस्ला का जन्म हुआ। माँ ने कहा- “यह अंधकार का नहीं, प्रकाश का बच्चा है।” टेस्ला का परिवार अमीर नहीं था। उनके पिता ऑर्थोडॉक्स चर्च के पादरी थे, जबकि माँ बेहद प्रतिभाशाली थीं- कभी स्कूल न जाने के बावजूद कमाल की आविष्कारी थीं। टेस्ला अपनी माँ को अपनी प्रतिभा की जड़ मानते थे।
टेस्ला के बचपन में ही उनके बड़े भाई की मृत्यु हो गई, जिससे उनका आत्मविश्वास बुरी तरह टूटा। लेकिन उनकी फोटोमैटिक मेमोरी और कल्पनाशक्ति असाधारण थी- किताबें पढ़कर शब्दश: याद कर सकते थे, गणित की समस्याएँ मन ही मन हल कर सकते थे। दिमाग में ही पूरी मशीन विकसित कर सकते थे और महीनों बाद वर्चुअल मशीन का wear & tear भी पकड़ सकते थे।लेकिन इस गिफ्ट के साथ मुश्किल भी थी: वे अक्सर मतिभ्रम (hallucinations) से गुजरते, असामान्य आवाज़ें और तेज़ रोशनी अनुभव करते, जिससे सामान्य जीवन अरुचिकर हो जाता।
बीमार हुए, लेकिन पिता के ‘इंजीनियरिंग की इजाजत’ देने के वादे ने उन्हें ज़िंदा रखा – और वे इस दिशा में आगे बढ़े।
बुडापेस्ट का सूर्यास्त
कॉलेज के दौरान टेस्ला को सबसे बड़ी पहेली फँसा बैठे: “बिना कम्युटेटर (दिशा बदलने वाले पार्ट) के मोटर कैसे बनाई जाए?”
छह साल तक तड़पते रहे, जब तक एक दिन बुडापेस्ट पार्क में टहलते हुए सूर्यास्त के वक्त बुद्ध की तरह उन्हें साक्षात्कार हुआ—एक घूमता हुआ चुंबकीय क्षेत्र।वहीं, प्रेरण मोटर (induction motor) का कांसेप्ट उभरा, जिसने AC मोटर और आज की बिजली क्रांति संभव कर दी।लेकिन उस वक्त उनके पास न प्रयोगशाला थी, न पैसे, न ही मेंटर—कोई उनकी बात सुनने को तैयार नहीं था।
निकोला टेस्ला का एडिसन से मुलाकात
जून 1884, टेस्ला न्यूयॉर्क पहुँचे—जेब में बस चार सेंट्स, लेकिन सपनों से भरे। असहनीय परिस्थितियों के बीच एडिसन की लैब पहुँचे। एडिसन ने उनकी काबिलियत की सराहना की, नौकरी भी दी, लेकिन AC करंट को एडिसन ने मज़ाक बताया और टेस्ला के आइडिया को गंभीरता से नहीं लिया।
एक साल लगातार एडिसन के जनरेटर सुधारते रहे, लेकिन जब $50,000 का वादा निभाने की बारी आई, एडिसन ने धोखा दे दिया।टेस्ला दिल टूटने के बावजूद AC के सपना छोड़ते नहीं।
धाराओं का महायुद्ध
निवेशकों के धोखे, दर-दर की ठोकरों के बाद आखिरकार टेस्ला को दो साझेदार मिले। उन्हें पहली प्रयोगशाला मिली, पेटेंट किए और 1888 में वेस्टिंग हाउस के साथ डील हुई—$60,000 और हर मोटर पर रॉयल्टी।DC और AC की लड़ाई छिड़ी।
एडिसन ने AC को “जानलेवा करंट” साबित करने के लिए कई प्रचार चालें चलाई- जानवरों को करंट दिया, इलेक्ट्रिक चेयर तक पहुंचाया; प्रेस में डर फैलाया।लेकिन टेस्ला ने ज्ञान, साइंस और हिम्मत के साथ—लोगों को AC की खूबी साबित की।
Niagara की विजय
1893—Chicago World’s Fair. वेस्टिंग हाउस और टेस्ला को AC से फेयर रोशन करने का कॉन्ट्रैक्ट मिला, जिसने एसी को दुनिया के सामने विजेता बना दिया।Niagara Falls पर दुनिया का पहला मेगा-पावर स्टेशन बना, जो AC तकनीक से पूरे बफ़ेलो शहर को रोशन करता था। इतिहास बना—टेस्ला “Modern Electricity का बादशाह” कहलाए।
Colorado Springs
अब टेस्ला ने फ्री वायरलेस एनर्जी का सपना देखा।Colorado Springs लैब में वे विशाल टेस्ला कॉइल्स बनाते, प्रयोगशालाएं बिजली की चिंगारियों से चमकने लगती थीं, उन्होंने ऐसा झंझावात पैदा किया कि पूरा शहर अंधेरे में डूब गया! उन्होंने रेडियो, वायरलेस ट्रांसमिशन के रास्ते खोल दिए—लेकिन फंडिंग फिर बाधा बनी।
Wardenclyffe Tower
न्यूयॉर्क में उन्होंने JP Morgan के पैसों से वायरलेस ‘टावर’ का निर्माण शुरू किया जिसको आज हम Wardenclyffe Tower कहते है |

निकोला टेस्ला का सपना था की पूरे दुनिया भर में मुफ्त बिजली मिले ये समय पर कोई सरकार अगर साथ देते तो आज पूरी दुनियां मुफ़्त बिजली इस्तेमाल कर रही होती
Morgan ने मुनाफे में रुचि ली, मुफ़्त बिजली के आइडिया में नहीं।फंडिंग रुकी, टावर अधूरा रहा और Tesla का सपना बिखर गया।
गुमनामी के अंधेरे में निकोला टेस्ला
धीरे-धीरे दुनिया टेस्ला को भूल गई, पेटेंट्स expire हो गए। किसी ने मदद नहीं की, टेस्ला कर्ज़ में डूबे, अकेले रहे, कबूतरों से प्यार किया, 1943 में न्यूयॉर्क के होटल में 33 सेंट्स के साथ मौत हो गई।
निकोला टेस्ला मृत्यु और पुनर्जन्म
फिर भी वे हारकर नहीं गए। बाद में वैज्ञानिकों ने उनके सिद्धांतों को अपनाया।आज, Tesla Inc. उनके नाम पर दुनिया में नई क्रांति लाने वाली कंपनी है।
उनका सिद्धांत—“असली सफलता innovation और बिज़नेस को जोड़ने में है, कद्र timing और execution की है।”